स्टेच्यू ऑफ यूनिटी

 स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे मे 



परिचय:

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत का गौरव और शौर्य का प्रतीक है। यह विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है जो भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है। इस प्रतिमा का उद्घाटन 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह प्रतिमा गुजरात राज्य के नर्मदा जिले के केवड़िया गांव में स्थित है, जो सरदार सरोवर डैम के सामने है।

निर्माण का उद्देश्य:

इस प्रतिमा को बनाने का मुख्य उद्देश्य भारत की एकता और अखंडता का संदेश देना था। सरदार पटेल ने 562 रियासतों को एकजुट करके आधुनिक भारत की नींव रखी थी। उनके इस योगदान को सम्मान देने और आने वाली पीढ़ियों को उनके महान कार्यों से प्रेरित करने के लिए यह स्मारक बनाया गया।

डिज़ाइन और निर्माण:

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊँचाई 182 मीटर (597 फीट) है, जो इसे विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा बनाती है। इसे प्रसिद्ध मूर्तिकार राम वी. सुतार ने डिज़ाइन किया है। इसके निर्माण में करीब 3000 करोड़ रुपए खर्च हुए और इसे बनाने में लगभग 4 साल लगे। इसमें स्टील फ्रेम, कांस्य की परतें और मजबूत कंक्रीट का उपयोग किया गया है।

विशेषताएं:

इस प्रतिमा में एक व्यूइंग गैलरी भी है जो जमीन से 153 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जहाँ से सरदार सरोवर बांध और आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता को देखा जा सकता है। प्रतिमा के अंदर एक म्यूजियम और ऑडियो-विजुअल हॉल भी बनाया गया है जिसमें सरदार पटेल के जीवन, उनके कार्यों और भारत के इतिहास को दर्शाया गया है।

पर्यटन और महत्व:

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। यहाँ देश-विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं। इसके आस-पास एकता नर्सरी, वैली ऑफ फ्लावर्स, जंगल सफारी और टेंट सिटी जैसी सुविधाएँ भी हैं। यह स्थान न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण और पर्यटन के लिहाज से भी देश को लाभ पहुंचा रहा है।

निष्कर्ष:

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सिर्फ एक मूर्ति नहीं है, यह भारत के आत्मबल, दृढ़ संकल्प और राष्ट्रीय एकता की मिसाल है। यह स्मारक हमें यह याद दिलाता है कि देश की एकता के लिए हमें जाति, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।


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